किसी को साथ लाकर देख
वक्त के चार पहियों में
जरा तू ब्रेक लगाकर देख।
सफलता गता गा रहा है
सुगन्धित पवन अपनपन की
चल रही यहाँ उतारकर देख।।
भुलाकर प्यार पूर्ण सब रस्म
प्यार का हक़ पाने रुक जा
प्रेम धुन मन: सुनाकर देख।
छुपाना उनको कर दे बंद
मिलेगा जो चाहा है 'सम'
ठहर इज़हार तो करके देख।।