हे ईश्वर अल्लाह तू धरती पे आ... पशुधन को निर्यात कर रहा जहाँ...
ये इन्शान तुमको समझ न सका है, जो लाचार पशुओं को काट है, आ तू ही समझा इन्हें खो गया कहाँ... पशुधन को निर्यात कर रहा जहाँ।।।
महावीर नाम और राम का चरित्र,
श्री कृष्ण गायों के थे परम मित्र,
पर गायों का झुण्ड यहाँ खो गया कहाँ...
पशुधन को निर्यात कर रहा जहाँ।।
उठो जगो बंधू मिलकर वीङा उठायें,
गौ शाला बनायें गौ मत बचाएं,
ये 'सम' करे आगाज़ शान देश हो महान....
पशुधन को निर्यात कर रहा जहाँ।।।