एकता अखण्डता के बीच इस दीवार को,
पाट के सपाट कर दुश्मन को ये जबाब दो,
कि उठ गया है नवयुवक, पहचानने आँखें मलो,
आ रहा है 'आप' का युग,
और जा रहा है आपका युग, बोरियाँ अब बाँध लो।
और इस क्षितिज से उस फलक तक एक ही नारा कहो,
देशद्रोही कुटुम्ब से निपटने हम अनेक हैं.......
सुर्खियाँ बना डालो कि हम युवा अब एक हैं।
ठान लो इस अन्जुमन में हम सभी मिलकर चलें,
हो जिगर में जान इतनी, देश पर हम मर मिटें।
बाँध कर सर पर कफन युग क्रांति की शुरुआत हो,
गर्जना ऐसी करो फिर भेढिये थर थर कपें।
चतावनी! अब लो सटक, बिस्तर सभी समेट लें.....
सुर्खियाँ बना डालो कि हम युवा अब एक हैं।।।।।
Library aur tum...aur taliyannn
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